पेट काटना मुहावरे का अर्थ pet katna muhavare ka arth — बचत करना ।
पेट काटना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
दोस्त पेट काटना मुहावरे का अर्थ बचत करना होता है । यानि दोस्त,
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पेट काटना मुहावरे को कैसे समझे
दोस्तो आपको पता है की पेट जो होता है वह मानव का वह अंग होता है जिसे भोजन से भरना जरूरी होता है और तभी शरीर को उर्जा मिल पाती है । और भोजन करना सभी के लिए आवश्यक खर्च होता है ।
मगर जब कोई पेट काटता है तो इसका मतलब है की जो वह भोजन खा रहा है उसमें बचत करना और इस तरह से अपनी आवश्यक वस्तुओ में जैसे की खाने पीने की वस्तुओ में बचत करना तो इसे पेट काटना कहा जाता है । यानि इस मुहावरे का अर्थ होता है बचत करना ।
पेट काटना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

पेट काटना मुहावरे पर कहानी
दोस्तो बहुत समय पहले की बात है एक परिवार किसी गाव में रहा करता था और उस घर में एक बेटा और उसके माता पिता रहा करते थे । और इसके अलावा उसके घर में और कोई नही था ।
आपको बात दे की जो पिता था उसका नाम राजकिशन था और बेटे का नाम राहुल था । और राजकिसन था वह बहुत ही अच्छी तरह से काम कर कर अपना जीवन गुजारता था और इससे सभी खुश थे ।
मगर एक दिन क्या होता है की राजकिसन किसी बड़ी बिल्डीग पर काम कर रहा था और वहां से गिर गया जिसके कारण से उसके पैर में भारी चोट लग गई और इसके चलते उसे काफी परेशानियो का सामना करना पड़ गया और अभी जो राहुल था वह काफी छोटा था
जिसके कारण से इतने ही पैसे मिलते थे और इस कारण से इलाज सही तरह से नही होने के कारण से राजकिसन का जो पैर था वह काफी अधिक बिगड गया और अब राजकिसन से सही तरह से चला तक नही जाता था और राहुल छोटा होने के कारण से जो कुछ उनके पास होता था
उसी से अपने बेटे को पालते और भविष्य बनाने के लिए उसे पढने के लिए स्कुल में भी भेजा जाता था । एक समय के बाद में राजकिसन को एक छोटा सा काम मिला जिसमें उसे बेठा रहना था और काम करना था । और राजकिसन ने वह काम शुरू कर दिया ।
मगर अब राहुल भी बढा हो गया और क्योक वह पढ रहा था तो पढाई में पैसे भी लगते है इस कारण से राजकिसन ने अपना पेट काट कर अपने बेटे को पढना ही सही समझ और दो समय का सही तरह से खाना न खाते हुए भी अपने बेटे को पढने के लिए भेजता था ।
और इस तरह से जब राहुल बडा होता गया तो उसे भी इस बात की समझ में आ गई की उसा पिता उसे पढाने के लिए कितनी कोशिश कर रहे हे और इसी सोच के कारण से वह मन लगा कर पढता रहता था और उसने अपने जीवन में सफल होने की सोच ली ।
इसके बाद में क्या होता है की राहुल जो था वह मन लगा की अध्ययन करता हुआ आगे बढता था । और घर की इस तरह की हालत थी की सही तरह से माता पिता भोजन नही कर पाते थे और अपने बेटे को भोजन सही तरह से करवाते थे और यह सब देख कर राहुल ने मन लगा की अध्ययन करना शुरू किया । और जैसे जैसे वह बढा होता गया वह पढने में माहिर बनता जा रहा था ।
जब उसने 10 वी कक्षा को पास किया तो उसे नोकरी मिल गई । दरसल उस समय क्या था की बहुत से लोग जो थे वे 10वी कक्षा को पास तक नही कर पाते थे ओर पहले ही पढाई छोड देते थे या फिर किसी तरह की नोकरी लग जाते थे । और राहुल 10 वी पास कर चुका था तो उसे रेलवे विभाग में अच्छी नोकरी मिल गई और यह खबर सुन कर उसके माता पिता काफी अधिक खुश हो गए ।
तब राहुल ने अपने माता पिता से कहा की आज के बाद में आपको पेट काटने की जरूरत नही है क्योकी अब मैं काम करने लगा हुं तो आपको अच्छा भोजन मिलेगा और सब कुछ मिलेगा जिसकी आपने केवल इच्छा रखी है । इसके बाद में राहुल ने राजकिसन से कहा की पिताजी अब आपको काम करने की जरूरत भी नही है बस आपको घर पर आराम से रहना है और अपना जीवन गुजारना है ।
इस तरह से कहने के बाद में राहुल जो था वह रेलवे विभाग में काम करने के लिए जाता रहता था और अपने माता पिता का जीवन अच्छा बनाने की पूरी कोशिश करता था ।

उन्हे समय पर खाना मिलता था और उन्हे जिस किसी चिज की जरूरत होती थी वह मिल जाती थी । और यह सब देख कर गाव के लोग भी कहने लगे की राजकिसन ने अपने बेटे को पेट काट कर पढाया था और आज उनका बेटा नोकरी लग चुका है और अब ऐसा लगता है जैसे की इनकी जो यह गरीबी है वह दूर होने लगी है ।
तो इस तरह से राहुल के नोकरी लग जाने के बाद ही राजकिसन के घर से गरीबी दूर होई थी और इसके बाद में राजकिसन और उसका पूरा परिवार अच्छी तरह से जीवन जीने लगा था । और इसी कारण से कहा जाता हैकी जीवन में पढना जरूरी है क्याकी तभी घर की गरीबी को दूर किया जा सकता है।
तो दोस्तो इस तरह से हमने इस कहानी में आपको यह समझाने की कोशिश की है इस मुहावरे का अर्थ बचत करना होता है ।